Bihar Board Exam 2025: पिछले साल के इतिहास के प्रश्न जो आपकी तैयारी को बना देंगे और बेहतर

Bihar Board Exam 2025: पिछले साल के इतिहास के प्रश्न जो आपकी तैयारी को बना देंगे और बेहतर

बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 अब नजदीक आ रही है और लाखों छात्र अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। ऐसे समय में सही रणनीति और पिछले साल के प्रश्नपत्रों का बहुत महत्व है। परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए सिर्फ सिलेबस पूरा करना ही काफी नहीं है, बल्कि बोर्ड द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार और उनके पैटर्न को समझना भी जरूरी है। यही कारण है कि 2024 में पूछे गए प्रश्नों पर एक नजर डालने से न सिर्फ आपकी तैयारी मजबूत हो सकती है बल्कि आपको आत्मविश्वास भी मिलेगा। पिछले साल के प्रश्नपत्र छात्रों के लिए दिशा दिखाने वाले नक्शे की तरह होते हैं। इतिहास जैसे विषय में जहां तथ्यों, तिथियों और घटनाओं की गहराई में जाने की जरूरत होती है, वहीं पुराने प्रश्नपत्र यह स्पष्ट कर देते हैं कि किन विषयों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है। उदाहरण के लिए, 2024 में इतिहास के पेपर में स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक सुधार आंदोलन और विश्व इतिहास से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे गए थे। इन विषयों का गहराई से अध्ययन करने से 2025 के पेपर के लिए आपकी तैयारी और भी बेहतर हो सकती है।

इतिहास का अध्ययन करने का सबसे अच्छा तरीका है इसे कहानी की तरह समझना। तथ्यों को याद करने के बजाय, यदि आप घटनाओं के पीछे के कारण और उनके प्रभाव को समझने की कोशिश करेंगे तो चीजें लंबे समय तक याद रहेंगी। उदाहरण के लिए, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 1857 का विद्रोह केवल एक घटना नहीं थी, बल्कि यह भारत के लोगों के बीच असंतोष का एक महत्वपूर्ण प्रतीक था। इसे समझने से न केवल आपको परीक्षा में इसे सही ढंग से प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी, बल्कि आपके उत्तर में गहराई भी आएगी। 2024 के प्रश्नपत्र पर एक नज़र डालने पर, यह देखा गया कि बोर्ड ने छात्रों की समझ और तर्क का मूल्यांकन करने वाले प्रश्नों पर अधिक जोर दिया। उदाहरण के लिए, “गांधीजी के असहयोग आंदोलन की सफलता और सीमाओं का वर्णन करें” जैसे प्रश्नों में छात्रों से केवल रटने के बजाय अपनी विश्लेषणात्मक सोच का उपयोग करने की अपेक्षा की जाती है। इस प्रकार के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए, आपको न केवल घटनाओं के क्रम को जानना चाहिए, बल्कि यह भी समझना चाहिए कि उस घटना का समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा।

इतिहास की तैयारी करते समय, छात्रों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे समय प्रबंधन पर काम करें। परीक्षा के दौरान समय की कमी एक आम समस्या है। पिछले साल के प्रश्नपत्रों को हल करते समय, आप लंबे और छोटे उत्तरों के बीच संतुलन बनाने का अभ्यास कर सकते हैं। इससे न केवल आपको तेजी से लिखने में मदद मिलेगी बल्कि आपकी लिखावट भी बेहतर होगी, जिससे परीक्षक को उत्तर पुस्तिका समझने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, छात्रों को अपने उत्तरों में स्पष्टता और संरचना बनाए रखनी चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि आपके उत्तर में स्पष्ट शुरुआत, मध्य और अंत हो। परीक्षक को यह समझना चाहिए कि आपने प्रश्न का उत्तर अच्छी तरह से दिया है और कोई महत्वपूर्ण बिंदु नहीं छोड़ा है। उदाहरण के लिए, यदि आप मौर्य साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पर लिख रहे हैं, तो सबसे पहले इसकी संरचना का वर्णन करें, फिर इसके मुख्य तत्वों पर चर्चा करें और अंत में इसकी उपलब्धियों और कमजोरियों को उजागर करें। पिछले साल के प्रश्नपत्रों का उपयोग करते समय ध्यान रखने वाली एक और बात यह है कि अपने कमजोर विषयों की पहचान करें। यदि कोई विषय अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में आता है और आपको उसमें कठिनाई हो रही है, तो उस पर विशेष ध्यान दें। इससे न केवल आप उस विषय में बेहतर बनेंगे बल्कि आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

आप अपनी इतिहास की तैयारी को रोचक बनाने के लिए अतिरिक्त स्रोतों का भी उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, इतिहास पर आधारित वृत्तचित्र, ऑडियोबुक और फिल्मों की मदद लें। इससे न केवल आपकी समझ बढ़ेगी बल्कि आपके भीतर इस विषय के प्रति रुचि भी जागृत होगी।

अंत में, याद रखें कि बोर्ड परीक्षाएं सिर्फ एक परीक्षा नहीं होती बल्कि यह आपकी मेहनत और आपकी योजना का परिणाम होती है। सही दिशा में की गई मेहनत न सिर्फ आपको अच्छे अंक दिलाएगी बल्कि आगे की पढ़ाई और करियर के लिए एक मजबूत आधार भी प्रदान करेगी। पिछले साल के प्रश्नपत्र, सही रणनीति और निरंतर अभ्यास से आप निश्चित रूप से सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए इस बार नई ऊर्जा और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपनी तैयारी को आगे बढ़ाएं और इतिहास को सिर्फ एक विषय के रूप में न देखें बल्कि सीखने और समझने के अवसर के रूप में देखें। सफलता आपका इंतजार कर रही है।

लघु उत्तरीय प्रश्न : किन्हीं 15 प्रश्नों के उत्तर दें. प्रत्येक के लिए दो अंक निर्धारित हैं. अधिकतम 50 शब्दों में प्रश्नों का उत्तर दें

1. स्वराज पार्टी की स्थापना कब हुई और किसने की?
2. कैबिनेट मिशन भारत क्यों आया?
3. भारतीय संविधान में संघ सूची क्या है?
4. नयनार कौन थे ?
5. विजयनगर साम्राज्य की स्थापत्य कला की दो विशेषताएं लिखें?
6. महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन के किन्हीं दो संतों के नाम लिखें?
7. गुप्त काल के दो अभिलेखों के नाम लिखिए?
8. महाभारत में वर्णित किन्हीं चार विवाहों के प्रकार लिखे?
9. वर्ण और जाति में कोई दो अंतर बताइए?
10. ब्रिटिश काल के दौरान मुंबई में वास्तुकला की इंडो-सारनेसिक शैली में निर्मित इमारत के दो नाम बताइए?
11. 1857 के विद्रोह के धार्मिक के कारण लिखिए?
12. विश्व के सात आश्चर्य के नाम बताइए?
13. मौर्यकालीन इतिहास के किन्हीं दो प्रमुख साहित्यिक स्रोतों के नाम लिखें?
14. महाजनपद से आप क्या समझते हैं?
15. फाहियान कौन था ? वह भारत कब आया ?
16. अभिलेखों के दो महत्व बताइए?
17. ब्राह्मी और खरोष्ठी लिपि में क्या अंतर है?
18. हड़प्पा सभ्यता के चार प्रमुख केंद्रों के नाम बताएं?
19. मध्यकालीन भारत में इटली से आने वाले दो यात्रियों के नाम बताएं?
20. जजिया क्या था?
21. आइन-ए-अकबरी क्या है ? यह कितने भागों में विभाजित है?
22. बंगाल में स्थाई बंदोबस्त की कोई दो विशेषताओं को लिखें?
23. भारत में उपनिवेशों की स्थापना के दो कारण लिखें?
24. प्लासी के युद्ध के दो कारणों को लिखिए?
25. हड़प्पा कालीन सिंचाई के दो साधनों को बताइए?
26. त्रिपिटक क्या है?
27. वर्द्धमान महावीर की किन्हीं दो शिक्षाओं को लिखें?
28. चार उग्रवादी नेताओं के नाम लिखें?
29. चंपारण सत्याग्रह क्यों शुरू किया गया था?
30. चौरी-चौरा घटना क्या थी ?

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न : किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दें. प्रत्येक के लिए पांच अंक निर्धारित हैं. 100-120 शब्दों में प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दें.

31. हड़प्पा सभ्यता की नगर नियोजन प्रणाली की विवेचना करें
32. मौर्य साम्राज्य के नगर प्रशासन पर प्रकाश डालें?
33. वर्द्धमान महावीर के उपदेशों का वर्णन करें?
34. सूफीवाद पर एक संक्षिप्त लेख लिखें?
35. अकबर की धार्मिक नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें?
36. 1857 के विद्रोह की असफलता के कारणों की विवेचना करें?
37. असहयोग आंदोलन के महत्व की विवेचना करें?
38. भारतीय संविधान की रचना में डॉ. बीआर अंबेडकर की भूमिका का मूल्यांकन करें?

इसे भी पढ़ें:

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *